Inspiring Moral Story in Hindi on Reality of Life
एक बार एक संत महात्मा ने अपने दो भक्तों को बुलाया और कहा आपने एक गाँव से दूसरे गाँव जाना है एक भगत को एक बोरी में खाने और कपड़ों की भरकर दे दी और कहा जो भी जरुरतमंद हो उसको देते जाओ और एक को खाली बोरी दे दी और कहा जो रास्ते में अच्छा लगे उसको बोरी में भर के ले आना दोनों निकल गए जिसके पीठ के ऊपर भार था वह धीरे-धीरे चल रहा था और जिसके पीठ के ऊपर बाहर नहीं था वह बहुत आराम से चल रहा था खाली बोरी वाले को सोने की ईंट मिलेगी उसने बोरी में डाल ली थोड़ी दूर और गया फिर से उसे सोने की ईंट मिली उसने वह भी बोरी में डाल दी जैसे-जैसे वह चलता गया उसको अच्छी चीजें मिलती गई और वह बोरी में डालता गया बोरी का भजन बढ़ने से उसका चलना मुश्किल हो गया और उसकी सांस भी फूलने लगी एक कदम मुश्किल होता गया दूसरे का भार जैसे-जैसे चलता गया वह जरुरतमंदों को सम्मान देता गया और उसका वजन घटता गया उसका चलना आसान होता गया....................जो बांटता गया उसका मंजिल पर पहुंचना आसान होता गया जो इकट्ठा करता गया वह रास्ते में ही दम तोड़ गया दिल से सोचो हमने जिंदगी भर क्या बांटा और क्या इकट्ठा किया हम मंजिल तक कैसे पहुंच पाएंगे?? दूसरों को खुशियां बांटने से आपको मंजिल जल्दी मिल जाएगी और भगवान भी खुश हो जायेगे
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